जब भी चाहूँ ,कर लेता हूँ अपने मन की !
बहुत क्यूट..... एक में अनेक का आइडिया तो बहुत अच्छा लगा
पंचमेल खिचड़ी पकी, मजेदार स्वादिष्ट |क्यूँकर व्यर्थ खरचना, श्वेत चार ठो पृष्ट |श्वेत चार ठो पृष्ट, सर्प रह रह फुफकारे |कछुवे की हो जीत, हारता शशक दुबारे |मोर मोइनी सोनि, पटाले सिंह मोहना |सर्कस चालू अहे, छोडिये बाट जोहना ||
गज़ब भाई !
आप सभी का आभार !
nice panting...keep it up..
मोर खरगोस कछ सरप सेर । अरु चतुर चार चिरैया घेर ।।प्रसर प्रसरित पर पंख पखेर । चहुँ चहुँ कर विकल सकल सबेर ।।
बहुत सुन्दर चित्र...:-)
बहुत क्यूट..... एक में अनेक का आइडिया तो बहुत अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंपंचमेल खिचड़ी पकी, मजेदार स्वादिष्ट |
जवाब देंहटाएंक्यूँकर व्यर्थ खरचना, श्वेत चार ठो पृष्ट |
श्वेत चार ठो पृष्ट, सर्प रह रह फुफकारे |
कछुवे की हो जीत, हारता शशक दुबारे |
मोर मोइनी सोनि, पटाले सिंह मोहना |
सर्कस चालू अहे, छोडिये बाट जोहना ||
गज़ब भाई !
हटाएंआप सभी का आभार !
जवाब देंहटाएंnice panting...keep it up..
जवाब देंहटाएंमोर खरगोस कछ सरप सेर । अरु चतुर चार चिरैया घेर ।।
जवाब देंहटाएंप्रसर प्रसरित पर पंख पखेर । चहुँ चहुँ कर विकल सकल सबेर ।।
बहुत सुन्दर चित्र...
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