रविवार, 22 जुलाई 2012

जंगल में मंगल !

चित्र बनाते हुये खुद का चित्र !



चित्र बनाने में तल्लीन !



चित्र हो गया  तैयार !

11 टिप्‍पणियां:

  1. वाह जी जय हो जूनियर त्रिवेदी जी की जय । माट साब चित्र बनाते हुए छोटे चित्रकार जी को ढेर स्नेहाशीष :)

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  2. कछुवा कुछ भी न छुवा, हाथी काटे केक ।

    बन्दर केला खाय के, छिलका देता फेंक ।

    छिलका देता फेंक, फिसल कर गैंडा गिरता ।

    बेहद मोटी खाल, हिरन से जाकर भिड़ता ।

    चिड़िया हंसती जाय, देख के नाटक सारा ।

    जन्म-दिवस का केक, फेंक के हाथी मारा ।।

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  3. बहुत सुंदर सुंदर
    चित्र आप बनाते है
    बनाते चलियेगा
    खूब बनाईयेगा
    पर थोड़ा बहुत
    समय ही
    इसमें लगाईयेगा
    ज्यादा समय अभी
    किताबों में ही
    आप खपाइयेगा !!!

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  4. सभी साथियों का स्नेह के लिए आभार !

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