जब भी चाहूँ ,कर लेता हूँ अपने मन की !
शाबाश बहुत अच्छे
काजल माथे पर लगा, नजर नहीं लग जाय |किरण मिले रविकर चले, हरे अलाय-बलाय |हरे अलाय-बलाय, लाल का लाल किला यह |रहा खड़ा बतलाय, देश आजाद मिला यह |बच्चों रखो संभाल, चाल कुछ दुश्मन चलते |जिनके चलते आज, शान्ति के शिखर पिघलते ||
दोनों बंधुओं का आभार !
वे क़त्ल होकर कर गये देश को आजाद,अब कर्म आपका अपने देश को बचाइए!स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,,RECENT POST...: शहीदों की याद में,,
आभार !
शाबाश बहुत अच्छे
जवाब देंहटाएंकाजल माथे पर लगा, नजर नहीं लग जाय |
हटाएंकिरण मिले रविकर चले, हरे अलाय-बलाय |
हरे अलाय-बलाय, लाल का लाल किला यह |
रहा खड़ा बतलाय, देश आजाद मिला यह |
बच्चों रखो संभाल, चाल कुछ दुश्मन चलते |
जिनके चलते आज, शान्ति के शिखर पिघलते ||
दोनों बंधुओं का आभार !
हटाएंवे क़त्ल होकर कर गये देश को आजाद,
जवाब देंहटाएंअब कर्म आपका अपने देश को बचाइए!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,,
RECENT POST...: शहीदों की याद में,,
आभार !
हटाएं